उत्तर प्रदेश के लिए गेंहू की उच्च उपज देने वाली किस्में
उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा गेंहू उत्पादक राज्य है, और यहां की कृषि जलवायु विविधता के कारण गेंहू की कई उन्नत किस्में सफलतापूर्वक उगाई जाती हैं। किसानों के लिए यह समझना महत्वपूर्ण है कि अधिकतम उत्पादन प्राप्त करने के लिए किस किस्म का चयन करना है, जो उनके क्षेत्र की मिट्टी और जल उपलब्धता के अनुकूल हो। गेंहू की कुछ प्रमुख किस्में जो उत्तर प्रदेश में शानदार उपज देती हैं, उनका विवरण यहाँ दिया गया है।
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डीबीडब्ल्यू (DBW) किस्मों का प्रभुत्व
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के तहत करनाल में स्थित भारतीय गेंहू और जौ अनुसंधान संस्थान (IIWBR) द्वारा विकसित डीबीडब्ल्यू (DBW) शृंखला की किस्में उत्तर प्रदेश के किसानों के बीच बहुत लोकप्रिय हैं। इनमें से DBW 303 जिसे ‘करण वंदना’ भी कहते हैं, और DBW 222 जिसे ‘करण नरेंद्र’ कहते हैं, प्रमुख हैं। DBW 303 अधिक तापमान सहने की क्षमता के लिए जानी जाती है, जो इसे देर से बुवाई के लिए भी कुछ हद तक उपयुक्त बनाती है, जबकि DBW 222 अपनी उच्च उपज क्षमता और समय पर पकने की विशेषता के कारण पसंद की जाती है। इन किस्मों में रस्ट (रतुआ) जैसे रोगों के प्रति अच्छी प्रतिरोधक क्षमता होती है, जिससे किसानों का जोखिम कम होता है।
एचडी (HD) किस्में और उनकी लोकप्रियता
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI), नई दिल्ली द्वारा विकसित एचडी (HD) शृंखला की किस्में भी उत्तर प्रदेश के बड़े हिस्से में किसानों द्वारा बड़े पैमाने पर उगाई जाती हैं। HD 2967 एक अत्यंत सफल और प्रसिद्ध किस्म है, जो अपने शानदार उत्पादन और अच्छी गुणवत्ता वाले दाने के कारण जानी जाती है। यह किस्म व्यापक रूप से अनुकूलित है और विभिन्न कृषि-जलवायु क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन करती है। इसके अलावा, HD 3086 भी एक बेहतरीन विकल्प है जो समय पर बुवाई के लिए उपयुक्त है और अच्छी उपज देती है। इन किस्मों का चयन अच्छी रोटी की गुणवत्ता और बेहतर बाजार मूल्य प्राप्त करने में सहायक होता है।